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संजय गुप्ता, INDORE. गुजरात चुनाव में जीत से पूरी बीजेपी खुश है, रिजल्ट के दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इंदौर आए, यहां एयरपोर्ट पर उन्हें बधाई देने और मिठाई खिलाने के लिए एक के बाद एक नेता उमड़ पड़े। सीएम ने मंत्री तुलसी सिलावट, पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे से लेकर अन्य कई नेताओं के हाथ से मिठाई खाई, लेकिन जब कमलेश खंडेलवाल मिठाई खिलाने आगे आए तो उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि बस अब बहुत हो गई मिठाई, रहने दो। खंडेलवाल मायूस होकर पीछे हो लिए। यह वही खंडेलवाल है, जिन्हें नगर निगम चुनाव के समय से ही बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय बीजेपी में लाने लाने के लिए जुटे हुए हैं। कांग्रेस से यह बाहर हो चुके हैं, लेकिन सीएम के रेड सिग्नल के कारण बीजेपी नेताओं के साथ रहने के बाद भी बीजेपी के नहीं हो पाए हैं।
खंडेलवाल के बहाने विजयवर्गीय पर निशाना साधने की नीति
निगम चुनाव के समय कई नेताओं को बीजेपी में लिया गया, इसमें पूर्व महापौर मालिनी गौड़ के खास शंकर यादव भी रहे। खुद सीएम ने इंदौर दौरों के समय इन नेताओं को बकायाद बीजेपी का गमछा पहनाया और बीजेपी में शामिल किया। इस दौरान विजयवर्गीय लगातार हर कार्यक्रम में खंडेलवाल को साथ लेकर गए ताकि उन्हें औपचारिक तौर पर शामिल किया जा सके, लेकिन सीएम ने विजयवर्गीय और खंडेलवाल दोनों को ही तवज्जो नहीं दी। इसका सीधा संदेश देना था कि इंदौर में भी विजयवर्गीय की जगह सीएम और उनके समर्थकों की ही चलेगी। उस दौरान विजयवर्गीय विधानसभा एक में खंडेलवाल को साधते हुए महापौर प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव के लिए वोट मांग रहे थे।
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पूर्व विधायक गुप्ता नहीं चाहते अपना प्रतिद्वंद्वी
विधानसभा एक में कमलेश खंडेलवाल मूल रूप से कांग्रेस नेता है, जब उन्हें टिकट नहीं मिला था तो वह निर्दलीय भी लड़ चुके हैं, तब बीजेपी से सुदर्शन गुप्ता विधायक बने और वह कांग्रेस प्रत्याशी को पीछे छोड़कर नंबर दो पर आए थे। बीता चुनाव गुप्ता हार गए और फिर साल 2023 के चुनाव के लिए टिकट की जुगत में हैं, उधर विजयवर्गीय खंडेलवाल को बीजेपी में लाने में लगे हुए हैं, ऐसे में गुप्ता को आशंका है कि कहीं देर-सवेर खंडेलवाल बीजेपी से टिकट नहीं मांगने लगे, ऐसे में वह कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं चाहते हैं। इसके चलते गुप्ता पूरे निगम चुनाव के समय भी सक्रिय रहे कि खंडेलवाल बीजेपी में नहीं आ सकें। सीएम ने भी गुप्ता की सुनी और खंडेलवाल को अभी तक बीजेपी में औपचारिक तौर पर एंट्री नहीं मिली है।